जो लोग सफलता (success) की ऊँचाइयों को छूते हैं, आकाश की बुलंदियों पर पहुँचते हैं, उनमें से ज्यादातर बहुत से लोग बड़े ही कठिन संघर्षों, मुश्किलों और मुसीबतों का सामना करते हैं। सफल लोग अपनी मेहनत, लगन तथा अपनी अलग सोच से सारी मुश्किलों, मुसीबतों और संघर्षों पर विजय पाकर अपनी पहचान बनाते हैं, दुनिया में नाम कमाते हैं तथा एक अलग मुकाम हासिल करते हैं।
आज मैं आपके सामने ऐसे ही शख्स के बारे में बताने जा रहा हूँ जिन्होंने अपने संघर्षों के दिनों में होटलों में कमरे तक साफ किये, पेट भरने के लिए टैक्सी तक चलाई। लेकिन आज वही शख्स भारत के 10 सबसे अमीर लोगो में से एक हैं।
उनका नाम है मुकेश मिकी जगतियानी। मिकी जगतियानी दुबई के “LandMark Group” के मालिक हैं। तथा उनकी कुल सम्पत्ति लगभग 6.6 बिलियन डॉलर (44240 करोड़ रूपये by Bloomberg 2016) है। और वे भारत के दसवें तथा दुनिया के 271 वें सबसे अमीर व्यक्ति हैं।
आइये जानते हैं उनकी फर्श से अर्श तक पहुँचने की संघर्षपूर्ण कहानी के बारे में।
प्रारम्भिक जीवन
मिकी जगतियानी के पिता मूल रूप से मुम्बई से थे। लेकिन बेहतर भविष्य के लिए उनके पिता 1950 में कुवैत चले गये। वहीँ पर मिकी का जन्म 15 अगस्त 1952 को हुआ। जब मिकी 3 साल के हुए तो उनके पिता ने मिकी तथा उनके बड़े भाई महेश को अपनी बहन के पास मुम्बई भेज दिया। इनकी शुरुआती शिक्षा मुम्बई तथा चेन्नई में हुई। 12 वर्ष की उम्र में उन्हें पढ़ने के लिए एक बोडिंग स्कूल में बेरुत भेज दिया गया। 17 वर्ष की उम्र में मिकी को एक Accounting स्कूल में पढ़ने के लिए लंदन भेजा गया लेकिन वहाँ पर मिकी कुछ exams नहीं दे पाए जिसके कारण उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया।
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संघर्ष का समय
स्कूल से निकाले जाने के बाद उनके पास कोई डिग्री नहीं थी। जिससे वो लंदन में कोई नौकरी कर सकें। अपना पेट भरने के लिए उन्हें वहाँ के होटलों में कमरा साफ करने का काम करना पड़ा। उसके बाद उन्होंने वहाँ पर टैक्सी चलाई।
एक अंग्रेजी पत्रिका को इंटरव्यू देते हुए मिकी ने बताया – “मैंने लंदन में अपने एक मित्र से पूछा कि लंदन में पेट भरने के लिए मुझे क्या काम करना चाहिए ? उसने मुझे मुर्दों को नहलाने का काम करने का सुझाव दिया या रात में उसकी टैक्सी चलाने को कहा। मुझे दूसरा काम ज्यादा आसान लगा इसलिए मैंने वहाँ पर टैक्सी चलाना शुरू कर दिया।”
उसके कुछ दिनों बाद मिकी दोबारा कुवैत लौट गये। उनके लौटने के कुछ दिनों बाद ही उनके भाई की ल्यूकीमिया से मौत हो गयी। उसके कुछ समय बाद ही उनकी माँ की कैंसर के कारण तथा पिता की डायबिटीज के कारण मृत्यु हो गयी।
उस समय को याद करते हुए मिकी कहते हैं कि मैं उस समय एक अनाथ लड़का था जो 21 साल की उम्र में बिना परिवार के, बिना नौकरी के तथा बिना किसी कॉलेज डिग्री के बिल्कुल अकेला था।
Business की शुरुआत
अपने पिता की मृत्यु के बाद मिकी ने बहरीन में उनकी Baby Products की दुकान को दोबारा शुरू किया। उस समय वे एक व्यक्ति से ज्यादा लोगो को नौकरी पर नहीं रख सकते थे। इसलिए उन्होंने ज्यादातर सारे काम खुद किये। 1973 में उन्होंने एक 5000 square foot का स्टोर खरीदा और उसका नाम “Baby Shop” रखा। जिसमें बच्चों के कपड़े तथा बच्चों के Products थे।
देखते ही देखते उनका उनकी ये BabyShop 1992 तक 6 Stores तथा 400 कर्मचारियों के साथ LandMark Group बन गयी।
दुबई में Business शिफ्ट किया
1992 में खाड़ी देशो में युद्ध होने के कारण उन्होंने अपना Business दुबई में शिफ्ट कर दिया। दुबई में शिफ्ट होने के बाद उन्होंने अपने Business का विस्तार किया और देखते ही देखते उनका Business अरब देशो तथा दक्षिण एशिया में एक बड़ा नाम बन गया। आज LandMark Group Retailing, Hospitality, फैशन, इलेक्ट्रॉनिक्स, फर्नीचर तथा होटल क्षेत्र में Business करता है और इसके 18 देशो में 1900 से ज्यादा Outlets हैं तथा इसमें 55000 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं।
पारिवारिक जीवन
मिकी जगतियानी बिल्कुल सादा जीवन जीना पसंद करते हैं। एक जानकारी के अनुसार इनके पास सिर्फ एक कार है। वह अपनी पत्नी रेनुका के साथ दुबई में रहते हैं। उनके 3 बच्चे हैं। जिनमें दो लड़की निशा जगतियानी तथा आरती जगतियानी और एक लड़का राहुल जगतियानी है। उनकी पत्नी रेनुका जगतियानी उनके बिजनेस में LandMark Fashion Line को देखती हैं।
सामाजिक जीवन
मिकी जगतियानी बिल्कुल सादा जीवन जीते हैं। वह रहते तो दुबई में हैं लेकिन उन पर भारत तथा महात्मा गाँधी का काफी असर है। जगतियानी कहते है कि भारत में अमीरों और गरीबो के बीच में गहरी खाई है। मुम्बई में ज्यादातर गरीब बच्चों को सिर्फ एक वक्त का खाना ही मिल पाता है।
मिकी बहुत सी संस्थाओं को दान देते हैं तथा मुम्बई और चेन्नई में अनाथालय तथा वृद्धाश्रम चलाते हैं। सन 2000 में मिकी ने Life (LandMark International Foundation of Empowerment) नाम की संस्था की स्थापना की। उनकी संस्था गरीब बच्चो की शिक्षा, स्वास्थय, और पालन पोषण की पूरी देखभाल करती है। तथा लाखों लोगो को चिकित्सकीय सुविधाये उपलब्ध कराती है।
उपलब्धियाँ
- Retail personality of the year in 2007 (Retail Middle East awards 2007).
- Most Admired Retailer of the year – Lifestyle Department stores, India in 2008, (Image Retail Awards 2008).
- Entrepreneur of the year, Micky Jagtiani in 2008 (Middle East Business Achievement Awards 2008).
- Retailer of the year in 2008 ( Retail City Awards 2008).
- Middle East Retailer of the year in 2008 (Retail Middle East Awards 2008).
- Retail company of year in 2010 (Arabian Business Achievement awards 2010).
- Most Admired Retail company of the year in 2011 ( Images Retail middle East Awards 2011).
- 17th India’s richest person in 2015 by Forbes.
- 338th Billionaires of the world in 2016 by Forbes.
- 10th India’s richest person in 2016 by Bloom Berg.
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तो दोस्तों, आपने देखा कि कैसे एक अकेले, होटल के कमरे साफ़ करने वाले, टैक्सी चलाने वाले शख्स ने अपनी मेहनत, लगन और मजबूत इच्छशक्ति के दम पर लगभग 45 हजार करोड़ रूपये का साम्राज्य खड़ा कर लिया।
दोस्तों मिकी जगतियानी उन लोगों के लिए एक मिसाल है, एक प्रेरणा है जो मुश्किल और संघर्षपूर्ण हालातों से गुजर रहे है।
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