Friday, 16 June 2017

कहीं आपकी डिग्री आपके सपने तो नहीं तोड़ रही ?


इस  article का  title आपको  थोडा  अटपटा  लग  सकता  है . क्योंकि  generally इंसान बड़ी-बड़ी डिग्रीयां   लेकर  तो  बड़े  बड़े  सपने  पूरे  करता  है , कोई  MBBS की  degree लेकर Doctor बनने  का  सपना  तो  कोई  Engineering की  degree लेकर  Engineer बनने  का सपना , और मैं इन्ही के द्वारा सपने टूटने की बात कर रहा हूँ!!

मेरा  सवाल  ये  है  कि  आज  आप  जो  हैं,  क्या  आपने  ही  वो  बनने  का  सपना  देखा  था  या  आपको  जबरदस्ती  वो  सपना  दिखाया  गया  था ??

मैं  एक  middle class family से  हूँ  और  बचपन  से  मेरे  मित्र -यार  भी  ऐसे  ही  परिवारों  से  रहे  हैं ; और  ज्यादातर  लोग  जो  इस  blog को  पढ़ते  हैं  वो  भी  ऐसे  ही  परिवारों  से  होते  हैं ….शायद  आप  भी . ऐसे  घरों  में  पढाई -लिखी  को  विशेष  महत्त्व  दिया  जाता  है , अक्सर  parents यही  expect करते  हैं  कि उनके  बच्चे  Engineer/ Doctor बने . और  ये  बात  बच्चे  के  दिमाग  में  इतनी  बैठा  दी  जाति  है  कि वही  उसका  सपना  बन  जाता  है . इस  process में  कई  बच्चे  सचमुच  उस  सपने  को  अपना  बना  लेते  हैं  और  इसी  क्षेत्र  में  आगे  चल  कर  बड़े  बड़े  काम  करते  हैं .पर  समस्या  वहां  आती  है  जब  आपके  mature होने  के  साथ  साथ  आपके  अपने  सपने  जन्म  लेने  लगते  हैं …ऐसे  सपने  जिसका  उस  पढ़ाई  लिखी  से  कोई  सीधा  वास्ता  नहीं  होता . For example: Computer Engineering कि  पढ़ाई करके  किसी  अच्छी  IT company में  काम  करने  वाला  बंदा  अपना  Restaurant खोलने  का  सपना  देख  सकता  है , कोई  MBA करके   किसी  multinational company में  काम  करने   की  बजाये  किसी  NGO में   काम  करने  की  सोच  सकता  है ,  कोई  Doctor किसी  हॉस्पिटल  में  operation करने  की  बजाये  Artist बनने का dream देख सकता है.

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पर  अधिकतर  लोग  ऐसे  कदम  नहीं  उठा  पाते  क्योंकि  उनका  उनकी  degree उनके  सामने  आ  जाती  है , उनके  मन  में  कुछ ऐसे  विचार  आ  सकते  हैं :

“ मैंने  तो  Engineering की  है , इतनी  अच्छी  नौकरी  कर  रहा  हूँ , अब  इस  field को  छोड़  कर  Restaurant खोलूँगा  तो  लोग  क्या  कहेंगे .”
“ अगर  मैंने  Artist बनने  के  बारे  में  किसी  से  बोला  तो  लोग  मुझे पागल  समझेंगे . .मेरी  पढ़ाई  में  इतने  पैसे लगे  हैं  …इतना  वक़्त  लगा  है …it’s not possible to change my profession.”
और वो लोग  खुद  को   समझा  लेते  हैं   की  जो  होता  है  अच्छा  होता  है , मेरी  किस्मत  में  यही  करना  लिखा  था …etc.

ज्यादातर लोग परिस्थितियों से समझौता क्यों कर लेते हैं ?

क्योंकि  ये  करना  आसान  होता  है …इसके  लिए  कोई  risk नहीं  उठाना  पड़ता ,खुद  को  comfort zone से  नहीं  निकलना  पड़ता …, इसके  लिए  हिम्मत   नहीं  चाहिए  होती  और  साथ  ही  आप  दुनिया  की   नजरो   में  एक  normal इंसान  बने  रहते  हैं .

अगर आप उन ज्यादातर लोगों में नहीं हैं तो बहुत अच्छी  बात है ,आप अपने दिल की आवाज़ सुनकर सचमुच अपने और सोसाइटी के लिए अच्छा काम कर रहे हैं.और यदि आप उनमे से हैं जो अपने  दिल की आवाज़ को दबा कर बैठे हों तो आपको सोचना होगा!!!!


सिर्फ अपने past decisions को सही ठहराने के लिए आप कब तक  गलत future decisions लेते रहेंगे? जो डिग्री आपको आज़ाद करने की बजाये बांधे उसका भला क्या काम? और ऐसा भी नहीं है कि आप जो नया काम करने की सोच रहे हैं वहां आपका पिछला ज्ञान बिलकुल ही काम ना आये.  वो भले आप  directly ना use कर पाएं, पर किसी भी उच्च शिक्षा को हासिल करने में आपके brain का जो development होता है और आपका जो outlook broad होता है वो हर एक काम में आपकी मदद करेगा.

अपने चेहरे पर किसी और का मुखौटा लगा कर ज़िंदा तो रहा जा सकता है पर जिया नहीं जा सकता, एक fulfilling life जीने के लिए आपको अपने मन का काम चुनना होगा., कुछ ऐसे ही जैसा Harsha Bhogle ने , IIM Ahmedabad से  MBA करने  के  बाद  कुछ साल corporate world में काम तो किया पर खुद को अपने दिल की आवाज़ सुनने से नहीं रोक पाए और एक जाने-माने cricket commentator बन गए. Chetan Bhagat भी IIT और IIM से पढ़ाई करने के बाद एक author हैं. Samir Soni , University of California, Los Angeles से  Economics. की पढाई करने के बाद as an Investment Banker काम करते थे पर आज वो acting की दुनिया में नयी ऊँचाइयाँ छू रहे हैं.

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और आपको 3 Idiots का Farhaan (Madhavan ) तो याद होगा ही . उसने अपने पिता की इच्छा पूरी करते हुए Engineering तो कर ली पर Rancho की motivation ने finally उसे अपने दिल का काम करने की हिम्मत दे डाली और वो एक renowned wild life photographer बन गया.

इस movie की तरह असल ज़िन्दगी में भी आपके parents तभी सबसे ज्यादा खुश होते हैं जब आप खुद सबसे ज्यादा खुश होते हैं. और आप तभी सचमुच खुश और संतुष्ट हो सकते हैं जब आप अपने दिल की सुने.

दोस्तों जब आप सचमुच किसी चीज को पूरी शक्ति से चाहते हैं तो  Law of Attraction अपना काम करने लगता है,भले शुरू में कोई आपका साथ ना दे पर यदि आप determined हैं तो धीरे-धीरे लोग आपको support करने लगते हैं  और आपके सामने ऐसी opportunities आने लगती हैं जिसके बारे में आपने कभी सोचा भी नहीं होता.

सपने देखना और उन्हें साकार करना सिर्फ आपको inner satisfaction ही नहीं देता बल्कि long term में financially भी ये कहीं अच्छा निर्णय साबित होता है. मैंने जो भी examples ऊपर लिए हैं , ये सभी लोग शायद नौकरी करके इतने पैसे नहीं कम पाते जितना वो अपने दिल का काम करते हुए कमा पा रहे हैं.
यदि  आप भी किसी trap में फंसे हैं और अपनी degree का बोझ ढो रहे हैं तो उस बोझ  को उतार फेंकिये,दोस्तों , Steve Jobs  की कही ये बातें याद रखिये:

” आपका समय सीमित है, इसलिए इसे किसी और की जिंदगी जी कर व्यर्थ मत कीजिये. बेकार की सोच में मत फंसिए,अपनी जिंदगी को दूसरों के हिसाब से मत चलाइए. औरों के विचारों के शोर में अपनी अंदर की आवाज़ को, अपने intuition को मत डूबने दीजिए.

आपका काम आपकी जिंदगी का एक बड़ा हिस्सा होगा, और truly-satisfied होने का एक ही तरीका है की आप वो करें जिसे आप सच-मुच एक बड़ा काम  समझते हों. और बड़ा काम करने का एक ही तरीका है की आप वो करें जो करना आप enjoy करते हों. “

उम्मीद है ये बातें मेरी तरह आपको भी अपना दिल की सुनने की प्रेरणा देंगी.

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Via: Achhikhabar

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