Achievers are Dreamers We Become What We Think About

Monday 9 July 2018

Health Care In Rainy Season - मानसून में सेहत का रखें खास ख्‍याल


मानसून अपने साथ बहुत सारी खुशियां और बदलाव लाता है। ये चिपचिपाती और चूभती से राहत देने के साथ ही पूरा वातावरण हरा-भरा कर देता है। मानसून का मौसम हर किसी को बहुत पसंद आता है। क्योंकि यह रोमांटिक और एडवेंचरस दोनों होता है। आसामान में बादल छाए रहते हैं, धूप का नामोनिशान नहीं होता और हर जगह हरियाली ही हरियाली, जो आंखों के साथ मन को भी सुकून देती है। 


लेकिन मानसून का मजा लेना है तो पूरी तरह से फिट रहना भी जरूरी है। क्योंकि मानसून गर्मी से तो राहत देता है लेकिन अपने साथ कई सारी बीमारियां भी लाता है। मानसून के दौरान बीमारियां होना लाजमी हैं। लेकिन यह भी सच है कि आप मानसून का मजा भी तभी ले सकते हैं जब आप पूरी तरह से फिट हो। फिट रहकर आप बीमारियों से बच सकते हैं,साथ ही आप फुर्तीले भी रहेंगे जिससे आप मानसून का बिना किसी डर के मजा ले सकें। आइए जानें मानसून में फिट रहने के फंडों के बारे में।

जरूरी चीजे साथ रखें


मानसून से बचने के लिए जरूरी चीजें हमेशा अपने साथ रखें। क्योंकि मानसून में बारिश का भरोसा नहीं होता है। बारिश कभी भी हो सकती है। अचानक होने वाली बारिश से बचने के लिए हमेशा अपने पास छाता रखें। घर से बाहर नकलें तो रेन-कोट ऱखना ना भूलें। 

स्ट्रीट-फ़ूड से बचें
बाहर ठेले पर मिलने वाले स्ट्रीट फुड से परहेज करें। ये फुड भले ही चटपटे दिखते  हैं लेकिन इसमें कई सारे कीटाणु होते हैं जो जल्दी बीमार करते हैं। कई बार तो बारिश का पानी तेल में भी मिल जाता है जो ज्यादा नुकसान पहुंचाता है। बाहर के खाने से परहेज करें। बाहर पानी भी मत पिएं।

Read Also

मच्छरों  से बचें
मानसून में मच्छर पनपने शुरू होते हैं। ऐसे में कई सारे बीमारियां मच्छरों के वजह से होना शुरू हो जाते हैं। बरसात के मौसम में पानी के जमा होने से मच्छर पैदा होने सुरू हो जाते हैं। अपने घर में कूलर के पानी को अच्छे से जाँच ले और रोज़ाना उस पानी को बदलें। घर के अन्य क्षेत्र जैसे कि फूल के बर्तन, एक्वैरियम और कुएं में भी पानी एकत्रित रहता है। इन्हे किसी कीटाणुनाशक के प्रयोग से साफ़ करें और ढक कर रखे।


बच्चों का रखें खास ख्याल-
बरसात के मौसम और बचपन की यारी तो बहुत खूब होती है। हवा के तेज झोंकों के साथ बारिश होना.. ऐसे में भला किसका दिल नहीं चाहेगा इस मौसम का आनंद उठाने का। और बच्‍चे उनकी तो बात ही कुछ और है। उनके लिए तो बारिश कुछ ज्यादा ही खास होती है। वे खेल-खेल में ही बार-बार अपने कपड़े गीला करते हैं। लेकिन एक ओर जहां यह बरसात ठंडक और मस्‍ती लेकर आती है, वहीं साथ ही यह अपने साथ लाती है ढ़ेरों बीमारियां।  ऐसे में पैरेट्स जरा सी सावधानी बरतें तो बच्चे भी खुलकर इस मौसम का मजा उठा सकते हैं। 


  • बच्‍चों को बारिश में ज्यादा न भीगने दें।
  • बच्‍चों को ज्‍यादा देर भीगे हुए कपड़ों में न रहने दें।
  • अगर बच्‍चे बरसात में भीग भी जाते हैं तो उनका सिर और बदन अच्‍छे से पोंछकर रखें।
  • बाजार में बिकने वाली खुली चीजों को बच्‍चों को बिल्‍कुल ना खाने दें। इसके अलावा कच्चा और ठंडा खाना भी ना खिलाएं।
  • बच्‍चों को पानी उबालकर या फिल्‍टर करके ही दें। स्कूल जाने वाले बच्चों को इस मौसम में घर से पानी की बोतल देकर ही भेजे।
  • बच्‍चों के हाथों एवं नाखूनों की सफाई पर विशेष ध्यान दें।
  • बच्चों में हर बार खाना खाने से पहले और खाना खाने के बाद साबुन से हाथ धोने की आदत डालें।
  • मच्छरदानी का प्रयोग जरूर करें।
  • जॉन्डीस से बचाने के लिए छोटे बच्चों को टीका लगवाना ना भूले।
  • तीन-तीन साल के अंतराल पर बच्चों को टायफाइड का टीका लगवाएं।
  • इस मौसम में सूती कपड़े बच्‍चों के लिए ज्‍यादा अच्‍छे रहेंगे।
  • छोटे बच्चों की स्किन बहुत सेंसेटिव होती है, लिहाजा उन्हें नहलाने के बाद कोई भी लोशन बिना चिकित्‍सीय सलाह के न लगाएं। इससे रैशेज हो सकते हैं।
  • इस मौसम में मच्छरों की भरमार होती है, इसलिए बच्चों को फुल पैंट या पूरी बाजू के कपड़े पहनाएं।