अपने school days में मैं अक्सर पढने के लिए Time Table बनाया करता था, I am sure आप भी बनाते रहे होंगे…या अगर अभी आप एक student हैं तो शायद किसी टाइम टेबल को follow करने की कोशिश कर रहे होंगे!
मुझे लगता है पढाई और टाइम टेबल का सम्बन्ध बहुत नेचुरल है….स्कूल में हमें हमेशा कब किस दिन किस subject का period होगा इसके लिए टाइम टेबल बनवाया जाता था…तो शायद हमारे माइंड में जाने अनजाने ये बात बैठ गयी कि पढने के लिए टाइम टेबल ही बनाया जाता है।
और चूँकि यही बात हमारे पेरेंट्स के लिए भी लागू होती है इसलिए वो भी पढने का बस एक ही तरीका जानते थे, और अक्सर उनके मुंह से ये सुनने को मिलता था–
टाइम टेबल बना कर पढो।
और यहीं से हमारे अन्दर Time Table बनाने की habit पड़ जाती है।
खैर बचपन और लड़कपन की बात तो ठीक है, बड़े होने पर भी हम ऐसा ही करते हैं अंतर बस टाइम टेबल में mention किये गए आइटम्स में आ जाता है….पहले जहाँ हम Physics, Chemistry, Maths पढने का समय लिखा करते थे वहीँ अब हम….उठना है…वाक पे जाना है…काम करना है…राशन लाना है… जैसी चीजें लिख देते हैं।
आप सोच सकते हैं कि इसमें बुराई क्या है? टाइम टेबल बना कर काम करना तो अच्छी चीज है!
बिलकुल अच्छी चीज है….अगर वो फॉलो हो पाए, तब!
आपमें से ज्यादातर लोग इस बात से agree करेंगे कि स्कूल डेज में पढने के लिए बनाए गए टाईम टेबल कभी 2-3 दिन से अधिक फॉलो नहीं हो पाते थे…और हम अक्सर एक नया टाइम टेबल बनाया करते थे…isn’t it?
और बड़े होने पर भी more or less ऐसा ही होता है, हम अपना एक रूटीन डिजाईन करते हैं…रोज सुबह पांच बजे उठेंगे…walk पे जायेंगे…and all that…. और बहुत बार तो हम इसे पहले दिन ही नहीं execute कर पाते…और जल्द ही वो रूटीन डस्ट बिन में चला जाता है। क्यों होता है न ऐसा? 🙂
चलिए, अगर ये चीज कुछ लोगों के साथ हो रही होती तो भी हम कह सकते थे कि टाइम टेबल एक effective tool है लेकिन कुछ लोग उसे सही से use नहीं कर पाते….पर यहाँ तो उल्टा ही case है ….इक्का-दुक्का लोग ही टाइम-टेबल के हिसाब से चल पाते हैं, majority flunks.
इसलिए बरसों से चीजों को effectively करने के लिए time table बना कर काम करने का जो approach हमारे दिमाग में बैठा है उसे निकाल दीजिये…और जान लीजिये कि for majority of people
Time Table in itself is an ineffective tool.
Ok, मान लिया कि टाइम टेबल काम नहीं करता…लेकिन सिर्फ ये बता देने से क्या होगा…effective solution तो तब निकेगा जब आप इसका कोई उपाय बताएँ ???
Alright, here is the solution:
To-Do List बनाएं!
Most probably, आपने इस टूल के बारे में सुना होगा,दोस्तों, दुनिया के ज्यादातर सफल लोग To Do List को productivity increase करने के सबसे कारगर टूल के रूप में देखते हैं और लाइफ में सक्सेसफुल होने के लिए इस टूल का यूज करने की सलाह देते हैं.
क्या होती है To-Do List?
To-Do List यानि एक ऐसी लिस्ट जिसमे आप लिखते हैं कि आज आपको क्या-क्या करना है।
For example : एक student की टू-डू लिस्ट हो सकती है:
- केमिस्ट्री का असाइनमेंट करना है
- स्कूल जाना है
- ट्यूशन जाना है
- क्रिकेट मैच खेलना है
- ह्यूमन एनाटोमी स्टडी करना है
- Independence Day Speech तैयार करनी है
To-Do List को कैसे यूज किया जाए:
बहुत से लोग To-Do List के बारे में जानते हैं पर वो ये नहीं जानते कि exactly इसे use कैसे किया जाए। टू-डू लिस्ट का सही उपयोग करने के 3 steps हैं:
Step 1) To-Do List बनाएं:
अधिकतर leaders एंड personal development gurus To-Do List को रात में सोने से पहले या सुबह-सुबह उठ कर बनाने की सलाह देते हैं. Personally, मुझे ये काम सुबह करना अच्छा लगता है क्योंकि इसमें किसी निश्चित समय उठने की बाध्यता नहीं रहती, मैं जब सुभ उठ कर थोड़ा सेटल हो जाता हूँ तब लिस्ट तैयार कर लेता हूँ।
To-DO List बनाते समय आप आज के जो काम हैं उन्हें randomly एक diary या छोटे से spiral pad में लिख लें, इसमें ये important नहीं है कि जो ज़रूरी काम है उसे पहले लिखें, बस जो भी माइंड में आये उस काम को नोट कर लें, जैसा कि ऊपर उदाहरण में बताया गया है।
इसे बनाते वक़्त अपनी लिमिट्स को ध्यान में रखें, आप एक दिन में जितने काम निपटा सकते हैं उससे अधिक काम ना मेंशन करें।
एक बात और…. टू-डू लिस्ट बनाने का मतलब सिर्फ वो पढना-लिखना और serious टाइप वाले काम की planning करना नहीं है, इसमें आप movie देखना, शौपिंग पे जाना, बच्चे को पार्क घुमाना जैसे light activities को भी लिखें, क्योंकि ultimately हर वो काम जो आपका समय ले रहा है उसे effectively और timely manner में पूरा करना बनता है।
Step 2) TO Do list के items के against उसे करने में लगने वाला time लिख लें:
ऐसा करने से पहले आपको इस बात का fair idea होना चाहिये कि actually आज आपके पास कितने time पे control है, और उसी दायरे में रह कर प्लानिंग करनी चाहिए।
For instance, on a typical day, आप जानते हैं कि स्कूल / office और डेली रूटीन एक्टिविटीज; जैसे खाना-पीना-सोना के बाद आपके पास 10 घंटे बचते हैं तो आपको इसी हिसाब से प्लान करना चाहिए कि आपकी टू-डू लिस्ट में इससे अधिक काम ना लिखें जाएं जिन्हें करने में कुल 10 घंटे से अधिक का समय लगे।
Ok, अब हम ऊपर वाली लिस्ट लेते हैं और उन tasks के सामने उन्हें पूरा करने में लगने वाला टाइम लिखते हैं:
- केमिस्ट्री का असाइनमेंट करना है ———————–1 hr
- स्कूल जाना है ——————————————8 hrs
- ट्यूशन जाना है —————————————–1.5 hrs
- क्रिकेट मैच खेलना है ———————————–1.5 hrs
- ह्यूमन एनाटोमी स्टडी करना है ————————-1 hrs
- Independence Day Speech तैयार करनी है———-3 hrs
इसमें स्कूल जाना और tuition पढने का टाइम आपके कण्ट्रोल में नहीं है, यानि आपके साढ़े नौ घंटे तो इसमें गए…बाकी 6 घंटे की नींद और एक-आध घंटा miscellaneous task के लिए अलग कर लिए जाएं तो आपके पास बचते हैं : 24 – (9.5+ 6 + 1.5) = 7 hrs.
इसीलिए हमने ऊपर example में school और tuition के अलावा बाकी कामों के लिए कुल 6.5 hrs का provision रखा है।
इस एक्सरसाइज में आप टाइम अलोकेशन में जान बूझ कर जितना टाइम लगे उससे कुछ अधिक टाइम अलोकेट करिए…क्योंकि very often हम जितना सोचते हैं उससे अधिक टाइम लगता है।
और साथ ही आप primary task को करने में लगने वाले supporting tasks का भी टाइम ध्यान में रखिये. For example: स्कूल तो 6 घंटे का है, लेकिन उसके लिए तैयार होना और आने जाने में लगने वाला टाइम भी consider करना होगा। इसलिए मैंने उसके लिए 8 आवर्स का टाइम दिया है।
जब आप practically ये लिस्ट बनायेंगे तो हो सकता है कि लिस्टेड टास्कस को पूरा करने में लगने वाला समय आपके पास मौजूद कुल समय से अधिक हो। ऐसा होने पर आप least priority वाले tasks को लिस्ट से हटा दें और बाकियों पे फोकस करें।
Step 3: आज की प्लानिंग करें – कितने बजे क्या करना है ये तय करें:
अब आपके पास To-Do List के tasks भी हैं और आपको ये भी पता है कि कोई particular task करने में कुल कितना समय लगने वाला है। अब आपको इसी हिसाब से अपना प्लान बनाना है कि जिस काम में जितना वक्त लगना है उसे उतना वक़्त दिया जा सके।
यहाँ पर आपको एक चीज और तय करनी होगी, वो ये कि — आज इन लिस्टेड टास्कस में से आपका MIT क्या है? यानि आपका आज का Most Important Task क्या है?
इसे आप ऐसे तय करें- आप ये सोचें कि अगर आप इन सब कामों मे से बस कोई एक ही काम कर सकते तो वो क्या होता? और फिर उसी काम को सबसे पहले कम्पलीट करने की कोशिश करें। Of course, इसमें आप स्कूल या ऑफिस जाने के काम को नहीं टाल सकते लेकिन जो समय आपके कण्ट्रोल में है उसमे आपको इसे ही priority देनी चाहिए।
Friends, MIT का ख़त्म होना एक बहुत बड़ा मोराल बूस्टर होता है। अगर आज आप अपना वो most important task कर लेते हैं तो probably आज दुनिया के 99% लोगों से अधिक productive हो चुके होते हैं। और ये accomplishment आपको एक feel good factor देने के साथ-साथ आपका confidence और satisfaction level भी बढ़ा देता है।
इसलिए, कोशिश यही करिए कि आपका आज का जो सबसे ज़रूरी काम है वो और कामो से पहले पूरा हो जाए।
For example: अगर हम ऊपर की तो डू लिस्ट में इंडिपेंडेंस डे स्पीच तैयार करना सबसे ज़रूरी काम है, तो हम उसे ही अपने Today’s Plan में priority दें।
तो हमारी टुडू लिस्ट थी:
- केमिस्ट्री का असाइनमेंट करना है ———————–1 hr
- स्कूल जाना है ——————————————8 hrs
- ट्यूशन जाना है —————————————–1.5 hrs
- क्रिकेट मैच खेलना है ———————————–1.5 hrs
- ह्यूमन एनाटोमी स्टडी करना है ————————-1 hrs
- Independence Day Speech तैयार करनी है———-3 hrs
इसलिए हमारा प्लान कुछ ऐसा होगा:
Plan For The Day :
- 6:00 am – 7:00 am Start working on Independence Day Speech, collect the matter, etc
- 7:00am- 3:00pm School
- 3:30pm-5:30pm Complete the speech
- 5:30pm-6:00pm Sports
- 6:15pm-7:30 Home tuition
- 8:00-9:00- Chemistry assignment
- 10:00-11:00 Human anatomy
Some Other Productivity Tips Related to To Do :
- अपनी टू-डू लिस्ट हमेशा साथ लेकर चलें।
- सबसे ज़रूरी काम करते समय मोबाइल साइलेंट कर दें।
- अगर नेट का काम ना हो तो उसे भी ऑफ कर दें।
- अगर आप लैपटॉप पे काम कर रहे हैं तो काम वाली विंडो के आलावा बाकी सभी विंडो क्लोज कर दें।
- तत्काल ईमेल की ज़रूरत न हो तो उसे भी क्लोज कर दें।
- काम में लगने वाली चीजों को एक ही बार सोच कर इकठ्ठा कर लें, ताकि बार-बार उठना न पड़े।
- रूम में पर्याप्त रौशनी रखें।
- जहाँ तक हो सके एकांत में बैठ कर काम करें।
- बोरियत होने पर २-४ मिनट का ब्रेक ले लें।
- चाहें तो, खाने-पीने, नहाने-धोने जैसे ज़रूरी काम को भी आप टू-डू लिस्ट में लिख सकते हैं और उनके लिए specific टाइम अलोकेट कर सकते हैं, I do like this.
अगर हमारा कोई टास्क छूट जाता है तो?
तो कोई बात नहीं। CEOs से लेकर आम इंसान तक जो टू डू लिस्ट बना कर काम करते हैं सबके टास्क कभी न कभी छूटते ही हैं। जो टास्क रह जाए उसे नेक्स्ट डे के प्लान में इनक्लूड करें और पूर करने की कोशिश करें।
अगर MIT भी पूरा नही हो पाता है तो?
This is very much possible, खासतौर से अगर आप कोई ऐसा काम कर रहे हैं जो आपने पहले कभी नहीं किया। मैं भी कई बार किसी काम के लिए जो time allocate करता हूँ उससे कहीं अधिक समय उसे पूरा करने में लग जाता है। MIT पूरा करना आपकी टॉप priority होनी चाहिए, इसलिए अगर वो उसके लिए allocate किये गए टाइम में नहीं हो पाता है तो आपको अपने बाकी के काम को टाल कर इसे ही पूरा करना चाहिए और अगर फिर भी ये ना हो पाए तो अगले दिन जल्दी से जल्दी इसे पूरा करना चाहिए।
अगर इस टूल से भी मेरी प्रोडक्टिविटी नहीं इम्प्रूव हुई तो?
अगर आप ठीक से इस टूल को follow करेंगे तो ऐसा होना possible ही नहीं है। तो इसका ये मतलब हुआ कि आप टूल को ठीक से यूज नहीं कर रहे और ये कहीं न कहीं आपके लैक ऑफ़ सेल्फ डिसिप्लिन की और इशारा करता है। ऐसे में आपको अपनी लाइफ के बारे में सीरियसली सोचना चाहिए
दोस्तों, माना जाता है कि टू डू लिस्ट बनाने में लगाया गया 1 मिनट आपके 15 मिनट बचाता है इसलिए इस काम को तसल्ली से करिए और एक doable practical plan बना कर अपना दिन productive बनाइये।
मैंने experience किया है कि जब भी मैं टू-डू लिस्ट नहीं बनाता मेरा बहुत सारा समय इसी में चला जाता है कि ये करें कि वो करें…और बहुत अधिक टाइम वेस्ट हो जाता है। To-Do List बनाने से mind एक तरह से set हो जाता है कि हाँ, आज ये-ये काम करने हैं…और फिर दिमाग दुनिया भर के अनगिनत कामों के बारे में नहीं सोचता। जिसका सबसे बड़ा फायदा ये होता है कि आपके व काम पूरे हो जाते हैं जो वाकई ज़रूरी हैं। यकीन जानिये, रोज To-Do List बनाने में लगने वाला 15 मिनट समय आपकी productivity को कई गुना बढ़ा सकता है और आपके साथ-साथ कई लोगों की ज़िन्दगी बदल सकता है। इसलिए आज से ही इसे अपनी लाइफ का हिस्सा बना लें और सफलता की डगर पर अपने कदम बढ़ा दें!
All the best!