हरसिंगार Night Jasmine or Botanical Name (Nyctanthes Arbor Tristis) एक दिव्य वृक्ष माना जाता है। हरसिंगार या हरिश्रृंगार का पुष्प भगवान हरि के श्रृंगार एवं पूजन में प्रयोग किया जाता है, इसलिए इस मनमोहक व सुगंधित पुष्प को ‘हरसिंगार’ के नाम से जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि श्री कृष्ण इस दिव्य वृक्ष को स्वर्ग से धरती पर लाए थे और हरिवंश-पुराण के अनुसार, यह दिव्य वृक्ष इच्छापूरक भी है। यह पारिजात के नाम से भी प्रसिद्ध है और प्रेमियों के हृदय में इसका एक ख़ास स्थान है। इसके इस नाम के पीछे एक पौराणिक कथा है, जिसके अनुसार पारिजात नामक एक राजकुमारी को सूर्य देवता से प्रेम हो गया था और सूर्य देवता द्वारा उसके प्रेम को स्वीकृति ना मिलने पर उसने निराश हो अपने प्राणों का त्याग कर दिया था। जिस स्थान पर राजकुमारी को जलाया गया था, उसी पावन भूमि की कोख से पारिजात वृक्ष का जन्म हुआ। इसीलिए इसके पुष्प केवल रात्रि में सूर्यास्त के साथ ही खिलते है और पूर्ण रात्रि अपनी मनोहर सुगंध से पृथ्वी को प्रलोभिक कर यह सूर्योदय के साथ अपने तन से विलग हो ज़मीन पर झड़ जातें हैं। इसलिए इसे “रात की रानी” भी कहा जाता है। शेफालिका, शिवली, मल्लिका तथा स्वर्णमल्लिका इसके कुछ अन्य नाम है। यह दिव्य पौधा केवल आस्था का ही प्रतीक नहीं है, अपितु यह एक औषधीय पौधा भी है। इसका पुष्प सेहत के लिए अत्यंत फलदायी होता है, इसके लाभ निम्नलिखित हैं:-
1. रक्त को साफ करने हेतु हरसिंगार के फायदे
यह पवित्र औषधी रक्त में से सभी कीटनाशक प्रदार्थों का विनाश कर, रक्त को स्वच्छ करने का कार्य भी करती है। इसके पत्तों का जूस पीने से ना केवल रक्त साफ होता है अपितु रक्त-संबंधी विकारों का भी विनाश होता है।
2. घाव का इलाज है हरसिंगार
इसके पत्तों का लेप घाव पर लगाने से घाव थोड़े ही समय में भर जाते हैं।
3. हरसिंगार अस्थि-भंग में लाभप्रद
इसके लेप को टूटी हुई हड्डियों पर लगाकर उसे कपड़े से कसकर बाँधने से ना केवल हड्डियाँ जोड़ने में सहायता मिलती है, अपितु यह उन्हें और मज़बूत बनाता है और दर्द भी कम करता है।
4. हृदय रोग के उपचार में हरसिंगार से लाभ
इसके ताज़ा फूलों के रस का सेवन करने से हृदय रोग मानव शरीर से मीलों दूर चला जाता है। हरीसरंगार का पुष्प आमतौर पर सितंबर-नवंबर माह में खिलता है।
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5. सूखी खाँसी का घरेलू उपाय है हरसिंगार
यदि आप सूखी खाँसी से परेशान है तो इसके पत्तों के रस का शहद के साथ सेवन करें।
6. हरसिंगार का उपयोग दे त्वचा संबंधित विकारों से छुटकारा
हरसिंगार का तेल त्वचा संबंधित विकारों के लिए बहुत उपयोगी है। यह दाग-धब्बों को भी मिटाता है और त्वचा को चमकदार बनाता है। इसके पत्तों का लेप भी त्वचा पर लगाया जा सकता है। इसका फेस-पैक चहरे पर लगाने से रंग साफ होता है।
7. हरसिंगार का उपयोग लंबे व मज़बूत बालों के लिए
हरसिंगार के सुगंधित पुष्पों का रस पीने से बाल मज़बूत व लंबें होते हैं। यह सफेद व टूटते बालों का शत्रु है और सूखे व बेजान बालों को पोषित कर उन्हें लंबे, चमकदार व घने बनाता है। यह रूसी का भी एक प्रभावी उपचार है।
8. मधुमेह का घरेलू उपचार है हरसिंगार का पेड़
इस मधुमय पेड़ के पत्तों का रस मधुमेह का भी एक प्रबल उपचार है। इसके पत्तों के रस का सेवन करने से रक्त में शर्करा का स्तर स्वस्थ रहता है ओर मधुमेह में सुधार आता है।
9. पाचन शक्ति बढ़ाने का उपाय है हरसिंगार
हरसिंगार के पत्तो का जूस पीने से ना केवल पाचन शक्ति में सुधार आता है, अपितु आंत के कीड़ों (Intestinal worms) का भी नाश होता है।
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10. तनाव को दूर करने का उपाय है हरसिंगार
मात्र इसकी सुगंध सूंघने से मन प्रफुल्लित हो उठता है और सारे तनाव दूर हो जातें है। इसकी जादुई महक नकारात्मक सोच को भी दूर रखती है।
Harsingar or parijat is considered to be an auspicious and wish bearing tree. Apart from holding religious values, it is a treasure of medicinal values too. It holds lots of health benefits for hair, skin, heart, bones, blood and what not plus it has no side-effect. It is used to cure various disorders and ailments like arthritis, sciatica, ity. You can also grow this myriad and multifarious medicinal tree in your house and reap its benefits whenever you want.
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